"वो दुश्मन बनके जीतने निकले थे मुहब्बत कर लेते, में वैसेही हार जाता"
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आसमां में मत ढूँढ अपने सपनों को
सपनों के लिए तो ज़मीं जरूरी है
सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा
जीने के लिए कुछ कमी भी तो जरूरी है
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शक था उनको कि रात
को उनको चूम ना लें हम
गालों पे हाथ रख कर सोयी पगली
और होंठों को यों ही छोड़ दिया!!
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