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Friday, November 17, 2017
Thursday, November 9, 2017
Hindi Urdu Shayari - Chaman ki Bahar
Labels:
Shayari Hindi,
Shayari Hindi 2017,
Urdu Shayari
Location:
India
Wednesday, October 11, 2017
Saturday, October 7, 2017
Thursday, October 5, 2017
Tuesday, September 19, 2017
Saturday, September 16, 2017
Thursday, September 14, 2017
Urdu Shayari in Hindi Images - Mehfil-e-Jaam
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Location:
India
Tuesday, September 12, 2017
Sunday, September 10, 2017
Friday, September 8, 2017
Thursday, September 7, 2017
Wednesday, September 6, 2017
Monday, September 4, 2017
Friday, September 1, 2017
Friday, August 25, 2017
Monday, August 21, 2017
Tuesday, August 8, 2017
Thursday, August 3, 2017
Friday, July 28, 2017
Thursday, July 27, 2017
English Poetry for all - Journey of Life
Labels:
English Poetry,
English Quotes
Location:
United Kingdom
Wednesday, July 26, 2017
Tuesday, July 25, 2017
Monday, July 24, 2017
Saturday, July 22, 2017
Saturday, July 15, 2017
hindi shayari by kumar wishwas
Panha me jo Aya ho uspe war kya karna
Jo Dil hara hua ho us par Adhikar kya Karna!
Muhobbat ka maza to Dubne ki kasmakash me hai
Ho gar malum gehrai to dariya par kya karna!
Sunday, July 2, 2017
Thursday, June 22, 2017
Wednesday, June 21, 2017
Monday, June 19, 2017
Tuesday, June 13, 2017
Friday, May 19, 2017
Friday, May 12, 2017
न जाने कितनी अनकही बातें
न जाने कितनी अनकही बातें, कितनी हसरतें साथ ले जाएंगे,
लोग झूठ कहते हैं कि खाली हाथ आये थे, खाली हाथ जाएंगे.
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पेट की आग को स्वाभिमान से बुझाई है!
फिरभी हर वक्त जिल्लत झिड़की पाई है!
हाँ मैं मजदूर हूँ मेहनत से नहीं घबराता!
खून सा पसीना बहाया तब रोटी खाई है!
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हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए;
गैरों को अपना दर्द सुनाने में रह गए;
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी;
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।.
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मुफ्त मे नही मांगी थी दिल मे जगह तेरे,
किराया आज तक चुका रहा हूँ आँसुओं से मेरे
दिल है ...ज़िन्दगी है...जान भी बाकी है.....
जाने क्यों फिर भी हर खुशी आधी है...!!!
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जरूरी नही है की हर किसी को मौत ही छूकर निकले..
किसी किसी को छूकर जिंदगी भी निकल जाती है.... #
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तुझे पाने की उमीद नहीं फिर भी इंतजार है
चाहत अधुरी ही सही
पर तेरे लिए बेशुमार है....
Thursday, April 13, 2017
तारीफ़' करती है जिस दिन ये दुनिया
*"'तारीफ़' करती है जिस दिन ये दुनिया 'बहुत' मेरी,*
*मैं घर जाकर 'आईने' में 'असलियत' देख लेता हूँ।*
*मेरी 'आवाज़' कभी उनकी आवाज़ से 'ऊँची' नहीं होती,*
*मैं अपने 'वालिद' की आँखों में अपना 'बचपन' देख लेता हूँ।*
*अपनी 'तन्हाई' पर जब 'तरस' आने लगता है मुझको,*
*मैं 'खिड़की' खोलकर उस 'चाँद' को देख लेता हूँ।*
*बहुत 'बेचैन' हो जाता है जब 'कभी' भी दिल मेरा,*
*मैं 'घर' जाकर अपनी 'माँ' का 'चेहरा' देख लेता हूँ।*
*खुदा से 'शिकायत' नहीं कर पाता मैं किसी 'बात' की,*
*मस्जिद' के रास्ते में रोज़ एक 'ग़रीब' को देख लेता हूँ।*
*इस 'जहाँ' की 'मोहब्बत' जब बहुत 'ज़्यादा' होने लगती है,*
*सड़क' पर पड़े किसी परिंदे का 'घोंसला' देख लेता हूँ।*
*नहीं 'चढ़ता' है मुझ पर कभी दौलत का 'ख़ुमार',*
*अक्सर' किसी 'जनाज़े' को गुज़रते देख लेता हूँ।*
*मैं घर जाकर 'आईने' में 'असलियत' देख लेता हूँ।*
*मेरी 'आवाज़' कभी उनकी आवाज़ से 'ऊँची' नहीं होती,*
*मैं अपने 'वालिद' की आँखों में अपना 'बचपन' देख लेता हूँ।*
*अपनी 'तन्हाई' पर जब 'तरस' आने लगता है मुझको,*
*मैं 'खिड़की' खोलकर उस 'चाँद' को देख लेता हूँ।*
*बहुत 'बेचैन' हो जाता है जब 'कभी' भी दिल मेरा,*
*मैं 'घर' जाकर अपनी 'माँ' का 'चेहरा' देख लेता हूँ।*
*खुदा से 'शिकायत' नहीं कर पाता मैं किसी 'बात' की,*
*मस्जिद' के रास्ते में रोज़ एक 'ग़रीब' को देख लेता हूँ।*
*इस 'जहाँ' की 'मोहब्बत' जब बहुत 'ज़्यादा' होने लगती है,*
*सड़क' पर पड़े किसी परिंदे का 'घोंसला' देख लेता हूँ।*
*नहीं 'चढ़ता' है मुझ पर कभी दौलत का 'ख़ुमार',*
*अक्सर' किसी 'जनाज़े' को गुज़रते देख लेता हूँ।*
Friday, March 31, 2017
Thursday, February 9, 2017
Wednesday, January 25, 2017
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