Wednesday, September 14, 2016

Thursday, September 8, 2016

झाँक रहे है इधर उधर सब।

*"झाँक रहे है इधर उधर सब।*
   *अपने अंदर झांकें  कौन* ?
*ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ  में कमियां।*
     *अपने मन में ताके कौन* ?
*सबके भीतर दर्द छुपा है।*
   *उसको अब ललकारे कौन* ?
*दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते।*
   *खुद को आज सुधारे कौन*?
*पर उपदेश कुशल बहुतेरे ।*
  *खुद पर आज विचारे कौन?*
*हम सुधरें तो जग सुधरेगा*
  *यह सीधी बात उतारे कौन ?"*

Sunday, September 4, 2016